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Collection: हसन Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Page 40 - Darsaal

हसन Poetry (page 40)

बे-तअल्लुक़ ज़िंदगी अच्छी नहीं

हफ़ीज़ जालंधरी

राज़-ए-सर-बस्ता मोहब्बत के ज़बाँ तक पहुँचे

हफ़ीज़ होशियारपुरी

कुछ इस तरह से नज़र से गुज़र गया कोई

हफ़ीज़ होशियारपुरी

कुछ इस तरह से नज़र से गुज़र गया कोई

हफ़ीज़ होशियारपुरी

बे-चारगी-ए-हसरत-ए-दीदार देखना

हफ़ीज़ होशियारपुरी

ऐसी भी क्या जल्दी प्यारे जाने मिलें फिर या न मिलें हम

हफ़ीज़ होशियारपुरी

आज उन्हें कुछ इस तरह जी खोल कर देखा किए

हफ़ीज़ होशियारपुरी

हर हक़ीक़त है एक हुस्न 'हफ़ीज़'

हफ़ीज़ बनारसी

इक हुस्न-ए-तसव्वुर है जो ज़ीस्त का साथी है

हफ़ीज़ बनारसी

जो ख़त है शिकस्ता है जो अक्स है टूटा है

हफ़ीज़ बनारसी

भागते सायों के पीछे ता-ब-कै दौड़ा करें

हफ़ीज़ बनारसी

आ जाओ कि मिल कर हम जीने की बिना डालें

हफ़ीज़ बनारसी

सहाफ़ी से

हबीब जालिब

जम्हूरियत

हबीब जालिब

तू रंग है ग़ुबार हैं तेरी गली के लोग

हबीब जालिब

ग़ज़लें तो कही हैं कुछ हम ने उन से न कहा अहवाल तो क्या

हबीब जालिब

ग़ज़लें तो कही हैं कुछ हम ने उन से न कहा अहवाल तो क्या

हबीब जालिब

मेहर-ओ-उल्फ़त से मआल-ए-तहज़ीब

हबीब मूसवी

लैस हो कर जो मिरा तर्क-ए-जफ़ा-कार चले

हबीब मूसवी

कोई बात ऐसी आज ऐ मेरी गुल-रुख़्सार बन जाए

हबीब मूसवी

जबीन पर क्यूँ शिकन है ऐ जान मुँह है ग़ुस्से से लाल कैसा

हबीब मूसवी

फ़रियाद भी मैं कर न सका बे-ख़बरी से

हबीब मूसवी

देख लो तुम ख़ू-ए-आतिश ऐ क़मर शीशे में है

हबीब मूसवी

अक़्ल पर पत्थर पड़े उल्फ़त में दीवाना हुआ

हबीब मूसवी

आश्ना जब तक न था उस की निगाह-ए-लुत्फ़ से

हबीब अहमद सिद्दीक़ी

जबीं-ए-नवाज़ किसी की फ़ुसूँ-गरी क्यूँ है

हबीब अहमद सिद्दीक़ी

तिश्ना-ए-तकमील है वहशत का अफ़्साना अभी

ग्यान चन्द मंसूर

क्या बताएँ आप से क्या हस्ती-ए-इंसान है

ग्यान चन्द

क्या बताएँ आप से क्या हस्ती-ए-इंसान है

ग्यान चन्द

वफ़ा की तश्हीर करने वाला फ़रेब-गर है सितम तो ये है

गुलज़ार बुख़ारी

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