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Collection: बिहार Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Page 38 - Darsaal

बिहार Poetry (page 38)

तासीर जज़्ब मस्तों की हर हर ग़ज़ल में है

अरशद अली ख़ान क़लक़

परतव-ए-रुख़ का तिरे दिल में गुज़र रहता है

अरशद अली ख़ान क़लक़

परतव पड़ा जो आरिज़-ए-गुलगून-ए-यार का

अरशद अली ख़ान क़लक़

मिलता है क़ैद-ए-ग़म में भी लुत्फ़-ए-फ़ज़ा-ए-बाग़

अरशद अली ख़ान क़लक़

लुत्फ़-ए-बहार मुश्फ़िक़-ए-मन देखते चलो

अरशद अली ख़ान क़लक़

इश्क़ में तेरे जान-ए-ज़ार हैफ़ है मुफ़्त में चली

अरशद अली ख़ान क़लक़

गर दिल में कर के सैर-ए-दिल-ए-दाग़-दार देख

अरशद अली ख़ान क़लक़

डोरा नहीं है सुरमे का चश्म-ए-सियाह में

अरशद अली ख़ान क़लक़

दिल में आते ही ख़ुशी साथ ही इक ग़म आया

अरशद अली ख़ान क़लक़

बुत-परस्ती ने किया आशिक़-ए-यज़्दाँ मुझ को

अरशद अली ख़ान क़लक़

बुत-परस्ती ने किया आशिक़-ए-यज़्दाँ मुझ को

अरशद अली ख़ान क़लक़

बोलेगा कौन आशिक़-ए-नादार की तरफ़

अरशद अली ख़ान क़लक़

बे-ज़बानों को भी गोयाई सिखाना चाहिए

अरशद अली ख़ान क़लक़

आरिज़ में तुम्हारे क्या सफ़ा है

अरशद अली ख़ान क़लक़

है टोंक अर्ज़-ए-पाक वहीं से उठेंगे हम

अरशद अब्दुल हमीद

हज़ार हादसात-ए-ग़म रवाँ-दवाँ लिए हुए

अर्श सहबाई

मेरा वतन

अर्श मलसियानी

तू अगर दिल में एक बार आए

अर्श मलसियानी

नैरंगी-ए-बहार-ओ-ख़िज़ाँ देखते रहे

अर्श मलसियानी

सुकून-ए-दिल न मयस्सर हुआ ज़माने में

अनवापुल हसन अनवार

आया न आब-ए-रफ़्ता कभी जूएबार में

अनवापुल हसन अनवार

शब-ए-फ़िराक़ की ज़ुल्मत है ना-गवार मुझे

अनवर साबरी

लब पे काँटों के है फ़रियाद-ओ-बुका मेरे बाद

अनवर साबरी

ज़िंदगी अपनी ख़्वाब जैसी है

अनवर जमाल अनवर

देखा जो मर्ग तो मरना ज़ियाँ न था

अनवर देहलवी

दीदा-ए-तर ने अजब जल्वागरी देखी है

अनवर मोअज़्ज़म

शहर-दर-शहर फ़ज़ाओं में धुआँ है अब के

अनवर महमूद खालिद

ग़म सहें या ख़ुशी को प्यार करें

अंजुम सिद्दीक़ी

आइंदगाँ की उदासी में

अंजुम सलीमी

मिरे जुनूँ को हवस में शुमार कर लेगा

अंजुम ख़लीक़

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