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Collection: बादल Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Darsaal

बादल Poetry

तिरे ख़याल के बादल उतर के आए हैं

तरुणा मिश्रा

इक उम्र से जिस को लिए फिरता हूँ नज़र में

अहमद फ़ाख़िर

देखे-भाले रस्ते थे

असरार ज़ैदी

आकाश पे बादल छाए थे

बीना गोइंदी

तलाश-ए-नूर

दर्शन सिंह

ज़िंदगी और मौत

फ़ज़लुर्रहमान

मौसम-ए-गुल है बादल छाए खनक रहे हैं पैमाने

अफ़सोस किसी से मिट न सकी इंसान के दिल की तिश्ना-लबी

रद्द-ए-अमल

ज़ुबैर रिज़वी

शौक़ उर्यां है बहुत जिन के शबिस्तानों में

ज़ुबैर रिज़वी

पूछ न हम से कैसे तुझ तक नक़्द-ए-दिल-ओ-जाँ लाए हम

ज़ुबैर रिज़वी

मैं ने कब बर्क़-ए-तपाँ मौज-ए-बला माँगी थी

ज़ुबैर रिज़वी

कई कोठे चढ़ेगा वो कई ज़ीनों से उतरेगा

ज़ुबैर रिज़वी

हम दोनों में कोई न अपने क़ौल-ओ-क़सम का सच्चा था

ज़ुबैर रिज़वी

हम बिछड़ के तुम से बादल की तरह रोते रहे

ज़ुबैर रिज़वी

हम बिछड़ के तुम से बादल की तरह रोते रहे

ज़ुबैर रिज़वी

हमारी गर्दिश-ए-पा रास्तों के काम आई

ज़ुबैर रिज़वी

दिल फिर उस कूचे में जाने वाला है

ज़ुबैर अली ताबिश

टाइपिस्ट

ज़िया जालंधरी

चाक

ज़िया जालंधरी

मुंजमिद होंटों पे है यख़ की तरह हर्फ़-ए-जुनूँ

ज़िया जालंधरी

दिल ही दिल में सुलग के बुझे हम और सहे ग़म दूर ही दूर

ज़िया जालंधरी

चाँद ही निकला न बादल ही छमा-छम बरसा

ज़िया जालंधरी

आँख से आँसू ढलका होता

ज़िया फ़तेहाबादी

एक तिलिस्मी खेल

ज़ेहरा निगाह

हर ख़ार इनायत था हर इक संग सिला था

ज़ेहरा निगाह

शिकस्त-ए-आरज़ू

ज़ेहरा अलवी

ये एक मोहब्बत है

ज़ीशान साहिल

यादें

ज़ीशान साहिल

शाइर

ज़ीशान साहिल

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