Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_2777a8addca8d3a3556932d8722dde01, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
Collection: बात Hindi Poetry | Best Hindi Shayari & Poems - Page 103 - Darsaal

बात Poetry (page 103)

दिल के हर ज़ख़्म को पलकों पे सजाया तो गया

अख्तर लख़नवी

देखो उस ने क़दम क़दम पर साथ दिया बेगाने का

अख्तर लख़नवी

जो संग हो के मुलाएम है सादगी की तरह

अख़तर इमाम रिज़वी

जीते-जी दुख सुख के लम्हे आते जाते रहते हैं

अख़तर इमाम रिज़वी

अपना दुख अपना है प्यारे ग़ैर को क्यूँ उलझाओगे

अख़तर इमाम रिज़वी

दिल जहाँ बात करे दिल ही जहाँ बात सुने

अख़्तर हुसैन जाफ़री

तर्क-ए-वादा कि तर्क-ए-ख़्वाब था वो

अख़्तर हुसैन जाफ़री

इक हर्फ़-ए-फ़सुर्दा दाग़ में है

अख़्तर हुसैन जाफ़री

हिज्र इक हुस्न है इस हुस्न में रहना अच्छा

अख़्तर हुसैन जाफ़री

ये सरगुज़िश्त-ए-ज़माना ये दास्तान-ए-हयात

अख़्तर होशियारपुरी

वो शायद कोई सच्ची बात कह दे

अख़्तर होशियारपुरी

वो रतजगा था कि अफ़्सून-ए-ख़्वाब तारी था

अख़्तर होशियारपुरी

उफ़ुक़ उफ़ुक़ नए सूरज निकलते रहते हैं

अख़्तर होशियारपुरी

थी तितलियों के तआ'क़ुब में ज़िंदगी मेरी

अख़्तर होशियारपुरी

मिरी निगाह का पैग़ाम बे-सदा जो हुआ

अख़्तर होशियारपुरी

मिरी निगाह का पैग़ाम बे-सदा जो हुआ

अख़्तर होशियारपुरी

किसे ख़बर जब मैं शहर-ए-जाँ से गुज़र रहा था

अख़्तर होशियारपुरी

हरीफ़-ए-दास्ताँ करना पड़ा है

अख़्तर होशियारपुरी

चेहरे के ख़द्द-ओ-ख़ाल में आईने जड़े हैं

अख़्तर होशियारपुरी

शराब आए तो कैफ़-ओ-असर की बात करो

अख़्तर अंसारी अकबराबादी

नदीम बाग़ में जोश-ए-नुमू की बात न कर

अख़्तर अंसारी अकबराबादी

लुटाओ जान तो बनती है बात किस ने कहा

अख़्तर अंसारी अकबराबादी

कोशिश-ए-पैहम को सई-ए-राएगाँ कहते रहो

अख़्तर अंसारी अकबराबादी

कौन सुनता है सिर्फ़ ज़ात की बात

अख़्तर अंसारी अकबराबादी

मैं किसी से अपने दिल की बात कह सकता न था

अख़्तर अंसारी

साफ़ ज़ाहिर है निगाहों से कि हम मरते हैं

अख़्तर अंसारी

सदा कुछ ऐसी मिरे गोश-ए-दिल में आती है

अख़्तर अंसारी

ख़्वाहिश-ए-ऐश नहीं दर्द-ए-निहानी की क़सम

अख़्तर अंसारी

अपनी बहार पे हँसने वालो कितने चमन ख़ाशाक हुए

अख़्तर अंसारी

आरज़ू को रूह में ग़म बन के रहना आ गया

अख़्तर अंसारी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.