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तिलोकचंद महरूम Couplets In Hindi - Best तिलोकचंद महरूम Couplets Shayari & Poems - Darsaal

Coupletss of Tilok Chand Mahroom

Coupletss of Tilok Chand Mahroom
नामतिलोकचंद महरूम
अंग्रेज़ी नामTilok Chand Mahroom
जन्म की तारीख1887
मौत की तिथि1966

यूँ तो बरसों न पिलाऊँ न पियूँ ऐ ज़ाहिद

ये फ़ितरत का तक़ाज़ा था कि चाहा ख़ूब-रूओं को

उठाने के क़ाबिल हैं सब नाज़ तेरे

तलातुम आरज़ू में है न तूफ़ाँ जुस्तुजू में है

साफ़ आता है नज़र अंजाम हर आग़ाज़ का

न रही बे-ख़ुदी-ए-शौक़ में इतनी भी ख़बर

न इल्म है न ज़बाँ है तो किस लिए 'महरूम'

मंदिर भी साफ़ हम ने किए मस्जिदें भी पाक

हूँ वो बर्बाद कि क़िस्मत में नशेमन न क़फ़स

है ये पुर-दर्द दास्ताँ 'महरूम'

फ़िक्र-ए-मआश ओ इश्क़-ए-बुताँ याद-ए-रफ़्तगाँ

दिल में कहते हैं कि ऐ काश न आए होते

दिल के तालिब नज़र आते हैं हसीं हर जानिब

दाम-ए-ग़म-ए-हयात में उलझा गई उमीद

बुरा हो उल्फ़त-ए-ख़ूबाँ का हम-नशीं हम तो

ब-ज़ाहिर गर्म है बाज़ार-ए-उल्फ़त

बाद-ए-तर्क-ए-आरज़ू बैठा हूँ कैसा मुतमइन

अक़्ल को क्यूँ बताएँ इश्क़ का राज़

ऐ हम-नफ़स न पूछ जवानी का माजरा

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