Coupletss of Tauqeer Taqi
नाम | तौक़ीर तक़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Tauqeer Taqi |
ज़र का बंदा हो कि महरूमी का मारा हुआ शख़्स
यहीं आना है भटकती हुई आवाज़ों को
सब्ज़ पेड़ों को पता तक नहीं चलता शायद
रूठ कर आँख के अंदर से निकल जाते हैं
फेंक दे ख़ुश्क फूल यादों के
मैं तिरे हिज्र से निकलूँगा तो मर जाऊँगा
लफ़्ज़ की क़ैद से रिहा हो जा
कल जहाँ दीवार ही दीवार थी
जैसे वीरान हवेली में हों ख़ामोश चराग़
इन सुलगती हुई साँसों को नहीं देखते लोग
हिज्र था बार-ए-अमानत की तरह
हमारी राह में बैठेगी कब तक तेरी दुनिया
दामन बचा रहे थे कि चेहरा भी जल गया
बदन में रूह की तर्सील करने वाले लोग
बदन में दिल था मुअल्लक़ ख़ला में नज़रें थीं
अब ज़माने में मोहब्बत है तमाशे की तरह