Ghazals of Taufeeq Sagar
नाम | ताैफ़ीक़ साग़र |
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अंग्रेज़ी नाम | Taufeeq Sagar |
थकन की तल्ख़ियों को अरमुग़ाँ अनमोल देती है
सदाक़त सादगी ओढ़े बुलंदी थाम लेती है
रेशम रेशम तितली देखूँ ख़्वाब-नगर की वादी में
पर्वाज़ का था शौक़ मुझे आसमान तक
मिरी सच्चाई हर सूरत तिरी मुट्ठी से निकलेगी
फ़क़ीरों का चलन यूँ जिस्म के अंदर महकता है