चल कर कभी हमारे अंधेरे भी देखिए
हम लोग रौशनी में बड़े पुर-वक़ार हैं
Ahmad Faraz
Habib Jalib
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Javed Akhtar
Allama Iqbal
Faiz Ahmad Faiz
Anwar Masood
Jaun Eliya
Wasi Shah
Rahat Indori
Mohsin Naqvi
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फिर तिरे हिज्र के जज़्बात ने अंगड़ाई ली
अक्स-ए-ज़ंजीर पे जाँ देने के पहलू दूँगा
सदियों लहू से दिल की हिकायत लिखी गई
नज़र नज़र से मिला कर शराब पीते हैं
रात मेरे पास तुझ को देख कर