किसी ने पूछा जो उम्र-ए-रवाँ के बारे में
किसी ने पूछा जो उम्र-ए-रवाँ के बारे में
तो क्या बताएँगे सूद-ओ-ज़ियाँ के बारे में
हरीम-ए-दीदा-वरी! ख़ाक उड़ रही है मिरी
मैं जानती थी ग़ुबार-ए-मकाँ के बारे में
न-जाने कैसी गुज़रती है जाने वालों पर
कोई बताता नहीं रफ़्तगाँ के बारे में
दुआ करो कि सलामत रहे मिरा पिंदार
ज़मीं पे सोचती हूँ आसमाँ के बारे में
न-जाने कितने हरीफ़ों के नाम याद आए
मैं लिख रही थी सफ़-ए-दोस्ताँ के बारे में
हर एक क़िस्से पे दिल अपना थाम थाम लिया
जो वाक़िआत सुने दास्ताँ के बारे में
यक़ीन कर कि अभी तक है दिल को तुझ पे यक़ीं
ये हुस्न-ए-ज़न है किसी बद-गुमाँ के बारे में
फ़रेब-ए-सादा-दिली देख उस सितमगर ने
बयान राज़ किया राज़-दाँ के बारे में
(962) Peoples Rate This