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इतना मुझे ख़ुदा मिरे मशहूर तू न कर - तरुणा मिश्रा कविता - Darsaal

इतना मुझे ख़ुदा मिरे मशहूर तू न कर

इतना मुझे ख़ुदा मिरे मशहूर तू न कर

हो जाऊँ कामयाब तो मग़रूर तू न कर

मैं तुझ से दूरियों की अगर अर्ज़ियाँ भी दूँ

तुझ को क़सम ये है उन्हें मंज़ूर तू न कर

इतनी ज़िया न दे कि बसारत ही छीन ले

ऐसे नशे में मुझ को कभी चूर तू न कर

ऐसा न हो कि तुझ को कभी भूल जाऊँ मैं

पर्वरदिगार इतना भी मजबूर तू न कर

तालिब रहूँ मैं इल्म की ता-ज़िंदगी यहाँ

दिल से इसी लगाव को काफ़ूर तू न कर

'तरुणा' का सर तो तेरे ही दर पर झुका रहे

अपनी इनायतों से कभी दूर तू न कर

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In Hindi By Famous Poet Taruna Mishra. is written by Taruna Mishra. Complete Poem in Hindi by Taruna Mishra. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.