ये जो है ताना-बाना होगा क्या
बाद मेरे ज़माना होगा क्या
जानता हूँ के तुम पुकारोगे
मुझ से पर लौट आना होगा क्या
हम किसी हाल में नहीं मिलते
अपना क़िस्सा पुराना होगा क्या
आज कल सोचता बहुत हूँ मैं
फिर मिरा मुस्कुराना होगा क्या
अब के भी जान दे न पाया तो
अब के मेरा बहाना होगा क्या