Coupletss of Tariq Qamar
नाम | तारिक़ क़मर |
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अंग्रेज़ी नाम | Tariq Qamar |
जन्म स्थान | Uttar Pradesh |
ज़ेहन पर बोझ रहा, दिल भी परेशान हुआ
ये किस की प्यास के छींटे पड़े हैं पानी पर
वो लोग भी तो किनारों पे आ के डूब गए
वो भी रस्मन यही पूछेगा कि कैसे हो तुम
साथ होने के यक़ीं में भी मिरे साथ हो तुम
फिर आज भूक हमारा शिकार कर लेगी
मिज़ाज अपना मिला ही नहीं ज़माने से
मेरे ज़ख़्मों का सबब पूछेगी दुनिया तुम से
मैं चाहता हूँ कभी यूँ भी हो कि मेरी तरह
क्या अजब लोग थे गुज़रे हैं बड़ी शान के साथ
कोई शिकवा न शिकायत न वज़ाहत कोई
किसी जवाज़ का होना ही क्या ज़रूरी है
कैसे रिश्तों को समेटें ये बिखरते हुए लोग
जैसे मुमकिन हो इन अश्कों को बचाओ 'तारिक़'
इस सलीक़े से मुझे क़त्ल किया है उस ने
इस लहजे से बात नहीं बन पाएगी
हर आदमी वहाँ मसरूफ़ क़हक़हों में था
एक मुद्दत से ये मंज़र नहीं बदला 'तारिक़'
अजब ग़रीबी के आलम में मर गया इक शख़्स
अभी बाक़ी है बिछड़ना उस से