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ब-नाम-ए-इश्क़ यही एक काम करते हैं - तारिक़ नईम कविता - Darsaal

ब-नाम-ए-इश्क़ यही एक काम करते हैं

ब-नाम-ए-इश्क़ यही एक काम करते हैं

ये ज़िंदगी का सफ़र उस के नाम करते हैं

अजब नहीं दर-ओ-दीवार जैसे हो जाएँ

हम ऐसे लोग जो ख़ुद से कलाम करते हैं

ये माह-रू भी तो होते हैं आँसुओं की तरह

किसी की आँख में कब ये क़याम करते हैं

ग़ज़ब की धूप है अब के सफ़र में हम-नफ़सो

किसी के साया-ए-गेसू में शाम करते हैं

तुम्ही ने साथ दिया ज़िंदगी की राहों में

किताब-ए-उम्र तुम्हारे ही नाम करते हैं

कुछ इस तरह तिरी आँखों में अश्क हैं जैसे

शब-ए-सियह में सितारे ख़िराम करते हैं

अजीब लोग हैं 'तारिक़-नईम' शहर के भी

ये तीर-ए-हिज्र दिलों में नियाम करते हैं

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In Hindi By Famous Poet Tariq Naeem. is written by Tariq Naeem. Complete Poem in Hindi by Tariq Naeem. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.