Ghazals of Tariq Jami
नाम | तारिक़ जामी |
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अंग्रेज़ी नाम | Tariq Jami |
उस के बदन का लम्स अभी उँगलियों में है
तेज़ लहजे की अनी पर न उठा लें ये कहीं
सरसब्ज़ थे हुरूफ़ प लहजे में हब्स था
मैं बाम-ओ-दर पे जो अब साएँ साएँ लिखता हूँ
मैं बाम-ओ-दर पे जो अब साएँ साएँ लिखता हूँ
डूबा हूँ तो किस शख़्स का चेहरा नहीं उतरा