रास्ते में आ रहे हैं जो नदी नाले न देख

रास्ते में आ रहे हैं जो नदी नाले न देख

मंज़िलों की चाह है तो पाँव के छाले न देख

राह-ए-हक़ पर गामज़न रह और हक़ की बात कर

क्या सितम ढाएँगे तुझ पर ये सितम वाले न देख

हिम्मत-ए-मर्दां अगर क़ाएम है तो फिर फ़िक्र क्या

ज़ुल्म के सर को कुचल दे हक़ के मतवाले न देख

मेरे भाई आदमी की आदमियत को परख

मुफ़लिस-ओ-नादार या फिर माल-ओ-ज़र वाले न देख

हुस्न-ए-बातिन हुस्न-ए-ज़ाहिर से बड़ी शय है न भूल

रंग हैं दोनों ख़ुदा के गोरे और काले न देख

ये है तारीख़ी इमारत इस की अज़्मत को सलाम

गर्द आलूदा इमारत में लगे जाले न देख

खुल जा सिम-सिम खुल जा सिम-सिम कब तलक चिल्लाएगा

तू अली-बाबा नहीं है तोड़ दे ताले न देख

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In Hindi By Famous Poet Tanweer Gauhar. is written by Tanweer Gauhar. Complete Poem in Hindi by Tanweer Gauhar. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.