Ghazals of Tanveer Samani
नाम | तनवीर सामानी |
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अंग्रेज़ी नाम | Tanveer Samani |
सूरतों के शहर में रौज़न ही रौज़न देख कर
सोच का ज़हर न अब शाम-ओ-सहर दे कोई
रोज़ तब्दील हुआ है मिरे दिल का मौसम
फेंकें भी ये लिबास बदन का उतार के
ख़ुद से भी इक बात छुपाया करता हूँ
दश्त में जो भी है जैसा मिरा देखा हुआ है
अहबाब हो गए हैं बहुत मुझ से बद-गुमान