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हमारे वास्ते हर आरज़ू काँटों की माला है - तनवीर नक़वी कविता - Darsaal

हमारे वास्ते हर आरज़ू काँटों की माला है

हमारे वास्ते हर आरज़ू काँटों की माला है

हमें तो ज़िंदगी दे कर ख़ुदा ने मार डाला है

उधर क़िस्मत है जो हर दम नया ग़म हम को देती है

इधर हम हैं कि हर ग़म को हमेशा दिल में पाला है

अभी तक इक खटक सी है अभी तक इक चुभन सी है

अगरचे हम ने अपने दिल से हर काँटा निकाला है

ग़लत ही लोग कहते हैं भलाई कर भला होगा

हमें तो दुख दिया उस ने जिसे दुख से निकाला है

तमाशा देखने आए हैं हम अपनी तबाही का

बता ऐ ज़िंदगी अब और क्या क्या होने वाला है

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In Hindi By Famous Poet Tanveer Naqvi. is written by Tanveer Naqvi. Complete Poem in Hindi by Tanveer Naqvi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.