Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_5b1a98690af1cbb534b09110e24aa2ce, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
यूँ भी तो तिरी राह की दीवार नहीं हैं - तालीफ़ हैदर कविता - Darsaal

यूँ भी तो तिरी राह की दीवार नहीं हैं

यूँ भी तो तिरी राह की दीवार नहीं हैं

हम हुस्न-ए-तलब इश्क़ के बीमार नहीं हैं

या तुझ को नहीं क़द्र हम-आशुफ़्ता-सरों की

या हम ही मोहब्बत के सज़ा-वार नहीं हैं

क्या हासिल-ए-कार-ए-ग़म-ए-उल्फ़त है कि मजनूँ

अब दश्त-नवर्दी को भी तय्यार नहीं हैं

अक्सर मिरे शेरों की सना करते रहे हैं

वो लोग जो ग़ालिब के तरफ़-दार नहीं हैं

अब तुझ को सलाम ऐ ग़म-ए-जानाँ कि जहाँ में

क्या हम से दीवानों के ख़रीदार नहीं हैं

फिर तुझ से जुदा हो के कहीं ख़ुद से बिछड़ जाएँ

हम लोग कुछ ऐसे भी दिल-आज़ार नहीं हैं

(656) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Taleef Haidar. is written by Taleef Haidar. Complete Poem in Hindi by Taleef Haidar. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.