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Taleef Haidar Poetry In Hindi - Best Taleef Haidar Shayari, Sad Ghazals, Love Nazams, Romantic Poetry In Hindi - Darsaal

तालीफ़ हैदर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का तालीफ़ हैदर

तालीफ़ हैदर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का तालीफ़ हैदर
नामतालीफ़ हैदर
अंग्रेज़ी नामTaleef Haidar
जन्म की तारीख1987
जन्म स्थानDelhi

ये तेरा दिवाना रात गए मालूम नहीं क्यूँ पहरों तक

ये शहर अपनी इसी हाव-हू से ज़िंदा है

वो एक लम्हा जिसे तुम ने मुख़्तसर जाना

उसे कहाँ हमें क़ैदी बना के रखना था

तो क्यूँ इस बार उस ने मेरे आगे सर झुकाया है

सफ़र ही बस कार-ए-ज़िंदगी है

किस की आँखों का नशा है कि मिरे होंटों को

ख़ुदा वजूद में है आदमी के होने से

ख़िरद नहीं है यहाँ बस जुनून का सौदा

इस तरह तुझे इश्क़ किया है कि ये दुनिया

इंकार भी करने का बहाना नहीं मिलता

अक्सर मिरे शेरों की सना करते रहे हैं

यूँ भी तो तिरी राह की दीवार नहीं हैं

ये शहर अपनी इसी हाव-हू से ज़िंदा है

तमाम शहर ही तेरी अदा से क़ाएम है

सवाल क्या है जवाब क्या है

फिर क़िस्सा-ए-शब लिख देने के ये दिल हालात बनाए है

नज़ारगी-ए-शौक़ ने दीदार में खींचा

नई ज़मीनों को अर्ज़-ए-गुमाँ बनाते हैं

न बे-कली का हुनर है न जाँ-फ़ज़ाई का

हम जब्र-ए-मोहब्बत से गुरेज़ाँ नहीं होते

हम हिज्र के रस्तों की हवा देख रहे हैं

दर्द-आमेज़ है कुछ यूँ मिरी ख़ामोशी भी

बस एक शय मिरे अंदर तमाम होती हुई

बहुत मुश्किल था मुझ को राह का हमवार कर देना

आहिस्ता-रवी शहर को काहिल न बना दे

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