दुनिया-भर में जितने मंज़र अच्छे हैं
उन का हुस्न और शोर हवा का तेरे नाम
Anwar Masood
Ahmad Faraz
Faiz Ahmad Faiz
Wasi Shah
Jaun Eliya
Javed Akhtar
Allama Iqbal
Mohsin Naqvi
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Gulzar
Rahat Indori
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(636) Peoples Rate This
लब तक आया गिला हमेशा से
तिलिस्म-ए-इश्क़ था सब उस का साथ होने तक
जो मिल गया है यहाँ जल्वा-ए-ख़याली है
मिला था हिज्र के रस्ते में सुब्ह की मानिंद
हर मुसाफ़िर के साथ आता है
सावन-रुत और उड़ती पुर्वा तेरे नाम
तुम्हारी याद बढ़ी और दिल हुआ रौशन
ज़ख़्म कब का था दर्द उठा है अब
वो इस कमाल से खेला था इश्क़ की बाज़ी
मेरी आँखों में ख़्वाब हैं जिस के