Ghazals of Taj Saeed
नाम | ताज सईद |
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अंग्रेज़ी नाम | Taj Saeed |
शहर के दीवार-ओ-दर पर रुत की ज़र्दी छाई थी
किस ने आ कर हम को दी आवाज़ पिछली रात में
खिड़की में एक नार जो महव-ए-ख़याल है
काली घटा में चाँद ने चेहरा छुपा लिया
जी में आता है कि चल कर जंगलों में जा रहें
बंद दरीचों के कमरे से पूर्वा यूँ टकराई है