शुऊ'र-ए-तिश्नगी को आम कर दो

शुऊ'र-ए-तिश्नगी को आम कर दो

मैं कब कहता हूँ मेरा जाम भर दो

ज़र-ए-गुल बाँट दो अहल-ए-चमन में

हर एक सहरा हमारे नाम कर दो

न मैं यूसुफ़ न तुम कोई ज़ुलेख़ा

जहाँ चाहो मुझे नीलाम कर दो

वो मेरे सामने बैठे हुए हैं

हरीम-ए-हुस्न के नाकाम परदो

तुम इतना हुस्न आख़िर क्या करोगे

अरे कुछ तो ख़ुदा के नाम पर दो

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In Hindi By Famous Poet Taj Bhopali. is written by Taj Bhopali. Complete Poem in Hindi by Taj Bhopali. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.