तैमूर हसन कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का तैमूर हसन
नाम | तैमूर हसन |
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अंग्रेज़ी नाम | Taimur Hasan |
जन्म की तारीख | 1974 |
जन्म स्थान | Pakistan |
ज़िंदगी जंग है आसाब की और ये भी सुनो
ज़िंदगी भर की रियाज़त मिरी बे-कार गई
ये जंग जीत है किस की ये हार किस की है
उतार लफ़्ज़ों का इक ज़ख़ीरा ग़ज़ल को ताज़ा ख़याल दे दे
तुझे मैं अपना नहीं समझता इसी लिए तो
सूरज के उस जानिब बसने वाले लोग
सफ़र में होती है पहचान कौन कैसा है
फिर जो करने लगा है तू व'अदा
मिरी तवज्जोह फ़क़त मिरे काम पर रहेगी
मकाँ से होगा कभी ला-मकान से होगा
मैं ने बख़्श दी तिरी क्यूँ ख़ता तुझे इल्म है
ख़ुशी ज़रूर थी 'तैमूर' दिन निकलने की
हम दुनिया से जब तंग आया करते हैं
ये लोग करते हैं मंसूब जो बयाँ तुझ से
वो कम-सुख़न न था पर बात सोच कर करता
वो जो मुमकिन न हो मुमकिन ये बना देता है
वफ़ा का ज़िक्र छिड़ा था कि रात बीत गई
उतार लफ़्ज़ों का इक ज़ख़ीरा ग़ज़ल को ताज़ा ख़याल दे दे
तुम कोई इस से तवक़्क़ो' न लगाना मरे दोस्त
नहीं उड़ाऊँगा ख़ाक रोया नहीं करूँगा
मुझ को कहानियाँ न सुना शहर को बचा
मोती नहीं हूँ रेत का ज़र्रा तो मैं भी हूँ
मिरा बातिन मुझे हर पल नई दुनिया दिखाता है
मकाँ से होगा कभी ला-मकान से होगा
मैं ने बख़्श दी तिरी क्यूँ ख़ता तुझे इल्म है
हम दुनिया से जब तंग आया करते हैं
हिज्र बख़्शा कभी विसाल दिया
एक मंज़िल है एक जादा है
बहाऊँगा न मैं आँसू न मुस्कराउँगा
बहार आने की उम्मीद के ख़ुमार में था