Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_c1030e49c5cec87f452f53e9bff03d2e, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
चेहरा देखें तेरे होंट और पलकें देखें - तहज़ीब हाफ़ी कविता - Darsaal

चेहरा देखें तेरे होंट और पलकें देखें

चेहरा देखें तेरे होंट और पलकें देखें

दिल पे आँखें रक्खें तेरी साँसें देखें

सुर्ख़ लबों से सब्ज़ दुआएँ फूटी हैं

पीले फूलों तुम को नीली आँखें देखें

साल होने को आया है वो कब लौटेगा

आओ खेत की सैर को निकलें कूजें देखें

थोड़ी देर में जंगल हम को आक़ करेगा

बरगद देखें या बरगद की शाख़ें देखें

मेरे मालिक आप तो सब कुछ कर सकते हैं

साथ चलें हम और दुनिया की आँखें देखें

हम तेरे होंटों की लर्ज़िश कब भूले हैं

पानी में पत्थर फेंकें और लहरें देखें

(1758) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Tahzeeb Hafi. is written by Tahzeeb Hafi. Complete Poem in Hindi by Tahzeeb Hafi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.