ताबिश मेहदी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ताबिश मेहदी
नाम | ताबिश मेहदी |
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अंग्रेज़ी नाम | Tabish Mehdi |
जन्म की तारीख | 1951 |
ये माना वो शजर सूखा बहुत है
तकोगे राह सहारों की तुम मियाँ कब तक
पड़ोसी के मकाँ में छत नहीं है
मिरे ऐबों को गिनवाया तो सब ने
हम को ख़बर है शहर में उस के संग-ए-मलामत मिलते हैं
फ़रिश्तों में भी जिस के तज़्किरे हैं
देर तक मिल के रोते रहे राह में
अजनबी रास्तों पर भटकते रहे
अगर फूलों की ख़्वाहिश है तो सुन लो
यादों की क़िंदील जलाना कितना अच्छा लगता है
ख़ता मैं ने कोई भारी नहीं की
जहान-ए-दिल में सन्नाटा बहुत है
दश्त-ए-तन्हाई बादल हवा और मैं
बला से मर्तबे ऊँचे न रखना