Ghazals of Tabish Kamal
नाम | ताबिश कमाल |
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अंग्रेज़ी नाम | Tabish Kamal |
ये शहर आफ़तों से तो ख़ाली कोई न था
यक़ीं से जो गुमाँ का फ़ासला है
न देखें तो सुकूँ मिलता नहीं है
क्या कहूँ वो किधर नहीं रहता
कब खुलेगा कि फ़लक पार से आगे क्या है
हमारा डूबना मुश्किल नहीं था
अजीब सुब्ह थी दीवार ओ दर कुछ और से थे
अजब यक़ीन सा उस शख़्स के गुमान में था