ताबिश देहलवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ताबिश देहलवी
नाम | ताबिश देहलवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Tabish Dehlvi |
जन्म की तारीख | 1911 |
मौत की तिथि | 2004 |
जन्म स्थान | Karachi |
ज़र्रे में गुम हज़ार सहरा
शाहों की बंदगी में सर भी नहीं झुकाया
छोटी पड़ती है अना की चादर
अभी हैं क़ुर्ब के कुछ और मरहले बाक़ी
आईना जब भी रू-ब-रू आया
ज़ेर-ए-लब रहा नाला दर्द की दवा हो कर
यूँ नक़ाब-ए-रुख़ मुक़ाबिल से उठी
टूट कर अहद-ए-तमन्ना की तरह
टूट कर अहद-ए-तमन्ना की तरह
'ताबिश' हवस-ए-लज़्ज़त-ए-आज़ार कहाँ तक
शर्मिंदा हम जुनूँ से हैं एक एक तार के
सब ग़म कहें जिसे कि तमन्ना कहें जिसे
पाबंदी-ए-हुदूद से बेगाना चाहिए
नफ़स की ज़द पे हर इक शोला-ए-तमन्ना है
मंज़िलों को नज़र में रक्खा है
मह-ओ-पर्वीं तह-ए-कमंद रहे
हर इक दाग़-ए-दिल शम्अ' साँ देखता हूँ
हमा-तन गोश इक ज़माना था
एक जल्वा ब-सद अंदाज़-ए-नज़र देख लिया
धूमें मचाएँ सब्ज़ा रौंदें फूलों को पामाल करें
देखिए अहल-ए-मोहब्बत हमें क्या देते हैं
बंद-ए-ग़म मुश्किल से मुश्किल-तर खुला
बहुत जबीन-ओ-रुख़-ओ-लब बहुत क़द-ओ-गेसू
अज़ाब टूटे दिलों को हर इक नफ़स गुज़रा
आग़ाज़-ए-गुल है शौक़ मगर तेज़ अभी से है