हाल मौसम का ही पूछेगा वो जब पूछेगा
हाल मौसम का ही पूछेगा वो जब पूछेगा
मुझ से कब मेरी उदासी का सबब पूछेगा
उस से मिलने पे ख़ुशी कैसे छुपाई जाए
क्या बताएँगे वो जब वज्ह-ए-तरब पूछेगा
किस को मालूम हैं इस दौर में आदाब-ए-नज़र
कौन अब मरहल-ए-तर्क-ए-तलब पूछेगा
(724) Peoples Rate This