सय्यदा नफ़ीस बानो शम्अ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सय्यदा नफ़ीस बानो शम्अ
नाम | सय्यदा नफ़ीस बानो शम्अ |
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अंग्रेज़ी नाम | Syeda Nafis Bano Shama |
जन्म की तारीख | 1957 |
जन्म स्थान | Delhi |
मेहर-ओ-वफ़ा ख़ुलूस-ए-तमन्ना मिलन की आस
ख़्वाब और नींदों का ख़त्म हो गया रिश्ता
खिड़कियाँ खोल लूँ हर शाम यूँही सोचों की
बहुत ग़ुरूर था बिफरे हुए समुंदर को
ये फ़ना मेरी बक़ा हो जैसे
वो जो मिलता था कभी मुझ से बहारों की तरह
सुब्ह को शाम लिख दिया मैं ने
निगाह ओ दिल में वही कर्बला का मंज़र था
मुझ में आ कर ठहर गया कोई
मंज़िल मिले न कोई भी रस्ता दिखाई दे
कुछ ऐसा भी तो हो जाए कभी ऐसा करे कोई
कोई बतलाए माजरा क्या है
ख़्वाबों की हक़ीक़त भी बता क्यूँ नहीं देते
ख़ुद से लिपट के रो लें बहुत मुस्कुरा लिए
काश ऐसी भी कोई साअ'त हो
जिस्म ओ जाँ सुलगते हैं बारिशों का मौसम है
हुस्न-ए-यूसुफ़ किसे कहते हैं ज़ुलेख़ा क्या है
हर-सू ख़ुशबू को फ़ज़ाओं में बिखरता देखूँ
दर्द सीने में कहीं चीख़ रहा हो जैसे