बहन की इल्तिजा माँ की मोहब्बत साथ चलती है
वफ़ा-ए-दोस्ताँ बहर-ए-मशक़्कत साथ चलती है
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गडमड
उधार
औरतों की असेंबली
तजर्बात-ए-तल्ख़ ने हर-चंद समझाया मुझे
मैं बताता हूँ ज़वाल-ए-अहल-ए-यूरोप का प्लान
यूँ क़त्ल-ए-आम नौ-ए-बशर कर दिया गया
हँस मगर हँसने से पहले सोच ले
अद्ल
अपनी ख़बर नहीं है ब-जुज़ इस क़दर मुझे
अपनी ख़बर नहीं है ब-जुज़ ईं क़दर मुझे
मिलावट
हुस्न को ग़ायत-ए-नज़र जाना