Coupletss of Syed Yusuf Ali Khan Nazim
नाम | सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम |
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अंग्रेज़ी नाम | Syed Yusuf Ali Khan Nazim |
ये किस ज़ोहरा-जबीं की अंजुमन में आमद आमद है
वाइ'ज़ ओ शैख़ सभी ख़ूब हैं क्या बतलाऊँ
वही माबूद है 'नाज़िम' जो है महबूब अपना
उस बुत का कूचा मस्जिद-ए-जामे नहीं है शैख़
शाएर बने नदीम बने क़िस्सा-ख़्वाँ बने
शबिस्ताँ में रहो बाग़ों में खेलो मुझ से क्यूँ पूछो
सँभाल वाइ'ज़ ज़बान अपनी ख़ुदा से डरा इक ज़रा हया कर
साहिल पर आ के लगती है टक्कर सफ़ीने को
रोज़ा रखता हूँ सुबूही पी के हंगाम-ए-सहर
रोने ने मिरे सैकड़ों घर ढा दिये लेकिन
पुर्सिश को अगर होंट तुम्हारे नहीं हिलते
फूँक दो याँ गर ख़स-ओ-ख़ाशाक हैं
'नाज़िम' ये इंतिज़ाम रिआ'यत है नाम की
न बुज़ला-संज न शाएर न शोख़-तब्अ रक़ीब
मुहताज नहीं क़ाफ़िला आवाज़-ए-दरा का
क्या मेरे काम से है रवाई को दुश्मनी
क्या खाएँ हम वफ़ा में अब ईमान की क़सम
कुफ़्र-ओ-ईमाँ से है क्या बहस इक तमन्ना चाहिए
ख़रीदारी है शहद ओ शीर ओ क़स्र ओ हूर ओ ग़िल्माँ की
कम समझते नहीं हम ख़ुल्द से मयख़ाने को
कहते हो सब कि तुझ से ख़फ़ा हो गया है यार
कहते हैं छुप के रात को पीता है रोज़ मय
जुम्बिश अबरू को है लेकिन नहीं आशिक़ पे निगाह
जाती नहीं है सई रह-ए-आशिक़ी में पेश
जब तिरा नाम सुना तो नज़र आया गोया
जब गुज़रती है शब-ए-हिज्र मैं जी उठता हूँ
ईद के दिन जाइए क्यूँ ईद-गाह
ईद है हम ने भी जाना कि न होती गर ईद
हक़ ये है कि का'बे की बिना भी न पड़ी थी
है रिश्ता एक फिर ये कशाकश न चाहिए