हो गया पाएमाल आँखों में
हो गया पाएमाल आँखों में
मर गया इक सवाल आँखों में
उस की दो बे-मिसाल आँखों
हुस्न था बा-कमाल आँखों में
क्या बचा पुर-मलाल आँखों में
है फ़क़त ख़ून लाल आँखों में
इश्क़-ए-अव्वल है ज़ेहन में जानाँ
जो हुआ तेरे नाल आँखों में
जिन से निकली हो आँसुओं की नदी
तुम ने देखा वो ताल आँखों में
जंग जारी है चार आँखों में
हो रहा है क़िताल आँखों में
उन की आँखों से जब मिली आँखें
दिल का कह डाला हाल आँखों में
ज़िंदगी बे-वफ़ा है ऐ 'आरिफ़'
इतने सपने न पाल आँखों में
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