Ghazals of Syed Mohammad Askari Arif
नाम | सय्यद मोहम्मद असकरी आरिफ़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Syed Mohammad Askari Arif |
ज़ुल्म मुझ पर शदीद कर बैठे
तिरे नज़दीक आता जा रहा हूँ
मौत है ज़िंदगी ज़िंदगी मौत है
मैं ने माना कि मुलाक़ात नहीं हो सकती
किस हसीं ख़्वाब का फ़साना है
इश्क़ तज्दीद कर के देखते हैं
हो गया पाएमाल आँखों में
हाल-ए-बेदारी में रह कर भी मैं ख़्वाबों में रहा
ग़म-हा-ए-रोज़गार से फ़ुर्सत नहीं मुझे
दिल की धड़कन थम गई दर्द-ए-निहाँ बढ़ता गया
दर्द थमता ही नहीं सीने में आराम के बा'द
आसमाँ को ज़मीं बनाते हैं