अगर ये ज़िंदगी तन्हा नहीं होती
अगर ये ज़िंदगी तन्हा नहीं होती
तो इस को ख़ूब-सूरत फूल में तब्दील करने के लिए
कतरा न जा सकता
कभी इस से कोई काग़ज़ की कश्ती जोड़ कर
गहरे समुंदर की तरफ़ भेजी न जा सकती
सफ़र के दरमियाँ आई इक अन-जानी सराए में
ज़रा से दाम के बदले
इसे हारा न जा सकता
अगर ये ज़िंदगी तन्हा नहीं होती
तो इस को मुख़्तलिफ़ टुकड़ों के अंदर बाँट कर
हम अपनी मर्ज़ी के न उन में रंग भर सकते
बड़ी मिक़दार में इस को
न हम ईमेल कर सकते
अगर ये ज़िंदगी तन्हा नहीं होती
तो इस के ख़ूब-सूरत रंग
आवारा सी इक बारिश में धो डाले न जा सकते
अगर ये ज़िंदगी तन्हा नहीं होती
तो इस के फ़ालतू टुकड़े
मुंडेरों पर परिंदों के लिए फेंके न जा सकते
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