Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_43f7d5af4243d2d2bd00035a374a2af2, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
छुट्टी का दिन है चाहिए जैसे गुज़ारिए - सय्यद फ़ज़लुल मतीन कविता - Darsaal

छुट्टी का दिन है चाहिए जैसे गुज़ारिए

छुट्टी का दिन है चाहिए जैसे गुज़ारिए

मुर्ग़ा लड़ाइए कि कबूतर उड़ाइए

सड़कों पे घूमने से तबीअत हो जब उचाट

होटल में बैठ जाइए क़िस्से सुनाइए

खा खा के पान फूँकिए सिगरेट नौ-ब-नौ

पेशावरान-ए-शहर से पेंगें बढ़ाईए

अफ़सर को दीजे घर पे बुला दावत-ए-निगाह

दफ़्तर में जा के रोब फिर अपना जमाइए

रिश्वत के दम-क़दम से सलामत है ज़िंदगी

दिल खोल कर तमाम ही ख़ुशियाँ मनाइए

हर वक़्त घर में बैठने से फ़ाएदा 'मतीन'

चल फिर के ज़िंदगी के तजरबे उठाइए

(804) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Syed Fazlul Mateen. is written by Syed Fazlul Mateen. Complete Poem in Hindi by Syed Fazlul Mateen. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.