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हाथ में लाठी पकड़ कर इश्क़ फ़रमाएँगे क्या - सय्यद फ़हीमुद्दीन कविता - Darsaal

हाथ में लाठी पकड़ कर इश्क़ फ़रमाएँगे क्या

हाथ में लाठी पकड़ कर इश्क़ फ़रमाएँगे क्या

बाबा-जी कुछ और दिन भी आप जी पाएँगे क्या

डॉक्टर की फ़ीस का सुन कर मरीज़-ए-मोहतरम

ऑपरेशन से ही पहले कूच फ़रमाएँगे क्या

ट्यूशनें घर में पढ़ाते हैं यही काफ़ी नहीं

मदरसे में मास्टर जी ख़ाक पढ़ाएँगे क्या

क़ीमतें दालों की भी बढ़ जाएँगी सोचा न था

लोग धक्कों के सिवा अब और कुछ खाएँगे क्या

रस्म-ओ-रह गो अफ़सरों से इस क़दर अच्छी नहीं

हम अगर मक्खन लगाएँ वो न लगवाएँगे क्या

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In Hindi By Famous Poet Syed Fahimuddin. is written by Syed Fahimuddin. Complete Poem in Hindi by Syed Fahimuddin. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.