Ghazals of Syed Bashir Husain Bashir
नाम | सय्यद बशीर हुसैन बशीर |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Syed Bashir Husain Bashir |
या तो वो क़ुर्ब था या दूर हुआ जाता हूँ
तमाशा-गाह-ए-आलम पर्दा-दार रू-ए-ज़ेबा है
मुझ को दौलत मिली तिरे ग़म की
हुस्न की हर अदा पे मरता हूँ
दिल दुखा था मिरा ऐसा कि दिखाया न गया