Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_0db6ce2b1a41ec777c9427a429cb34f8, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ज़िंदा हुआ है आज तू मरने के ब'अद भी - सय्यद अारिफ़ कविता - Darsaal

ज़िंदा हुआ है आज तू मरने के ब'अद भी

ज़िंदा हुआ है आज तू मरने के ब'अद भी

आया है पास बाढ़ उतरने के ब'अद भी

किन पानियों की ओर मुझे प्यास ले चली

नीले समुंदरों में उतरने के ब'अद भी

नंगी हक़ीक़तों से पड़ा वास्ता हमें

शीशों से अक्स अक्स गुज़रने के ब'अद भी

काली रुतों के ख़ौफ़ ने जीने नहीं दिया

दरिया से मौज मौज उभरने के ब'अद भी

हर लम्हा ज़िंदगी को नया रूप चाहिए

इक बोझ बन गई है सँवरने के ब'अद भी

आँखों में मेरी जागती रातों का कर्ब है

हर ज़ख़्म तेरी याद का भरने के ब'अद भी

(564) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Syed Arif. is written by Syed Arif. Complete Poem in Hindi by Syed Arif. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.