Ghazals of Syed Anwar Ahmad
नाम | सय्यद अनवार अहमद |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Syed Anwar Ahmad |
ये कैसे ख़ौफ़ हमें आज फिर सताने लगे
तुझ को ही सोचता रहूँ फ़ुर्सत नहीं रही
राहत के वास्ते न रिफ़ाक़त के वास्ते
मिट्टी तिरे महकने से मुझ को गुमान है
क्यूँ मिल रही है उन को सज़ा चीख़ती रही
कल पहली बार उस से इनायत सी हो गई
जो माल उस ने समेटा था वो भी सारा गया
जैसे कि इक फ़्रेम हो तस्वीर के बग़ैर