इतना देखा चलते चलते

इतना देखा चलते चलते

राख हुआ घर जलते जलते

आना है तो आ भी जाओ

शाम ढलेगी ढलते ढलते

मंज़िल अपनी दूर है लेकिन

मिल जाएगी चलते चलते

शम्अ ने परवानों के ग़म में

रात गुज़ारी जलते जलते

आँखों में जितने आँसू थे

मोती बन गए ढलते ढलते

'अहसन' क्यूँ तुम ग़म खाते हो

ग़म तो टलेंगे टलते टलते

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In Hindi By Famous Poet Syed Ahsan Javed. is written by Syed Ahsan Javed. Complete Poem in Hindi by Syed Ahsan Javed. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.