कोई शय है जो सनसनाती है

कोई शय है जो सनसनाती है

एक दहशत सी फैल जाती है

ज़िंदगी कट रही है साए में

धूप आती है लौट जाती है

जैसे जंगल पुकारता हो मुझे

रात-भर इक सदा सी आती है

गूँज उठता है गहरा सन्नाटा

नींद जब धड़कनों को आती है

कैसी यादों के दीप जल उठे

दूर तक रौशनी नहाती है

इतनी ग़ज़लों में कोई अच्छी ग़ज़ल

इक ज़माने के बा'द आती है

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In Hindi By Famous Poet Sunil Aftab. is written by Sunil Aftab. Complete Poem in Hindi by Sunil Aftab. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.