Ghazals of Sultan Nizami
नाम | सुलतान निज़ामी |
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अंग्रेज़ी नाम | Sultan Nizami |
जो कश्मकश थी तिरा इंतिज़ार करते हुए
जीने की तमन्ना है न मरने की तमन्ना
झिजक रहा हूँ उसे आश्कार करते हुए
बाहर हिसार-ए-ग़म से फ़क़त देखने में था
आइनों में अक्स बिन कर जिन के पैकर आ गए