सुलैमान अरीब कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सुलैमान अरीब
नाम | सुलैमान अरीब |
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अंग्रेज़ी नाम | Sulaiman Areeb |
जन्म की तारीख | 1922 |
मौत की तिथि | 1970 |
जन्म स्थान | Hyderabad |
एक हम्माम में तब्दील हुई है दुनिया
एक हम्माम में तब्दील हुई है दुनिया
'अरीब' देखो न इतराओ चंद शेरों पर
ये हाथ
तुम्हें क्या?
तुम किस से मिलने आए हो
तस्कीन-ए-अना
क़ातिल-ए-बे-चेहरा
मैं ख़ुद से मायूस नहीं हूँ
ला-यानियत
इरफ़ान
इबलाग़
एक हुज़्निया
डीप-फ़्रीज़
आख़िरी लफ़्ज़ पहली आवाज़
ये भी शायद तिरा अंदाज़-ए-दिल-आराई है
तुम्हारी क़ैद-ए-वफ़ा से जो छूट जाऊँगा
तिरा दिल तो नहीं दिल की लगी हूँ
प्यार का दर्द का मज़हब नहीं होता कोई
निज़ाम-ए-शम्स-ओ-क़मर कितने दस्त-ए-ख़ाक में हैं
नाज़-पर्वर्दा-ए-जहाँ तुम हो
नहीं जो तेरी ख़ुशी लब पे क्यूँ हँसी आए
मेरा साया है मिरे साथ जहाँ जाऊँ मैं
कोई दुश्मन कोई हमदम भी नहीं साथ अपने
जो तेरे हुस्न में नर्मी भी बाँकपन भी है
हिसाब-ए-उम्र करो या हिसाब-ए-जाम करो
हर बात तिरी जान-ए-जहाँ मान रहा हूँ
ग़म-कदे वो जो तिरे गाम से जल उठते हैं
भेस क्या क्या न ज़माने में बनाए हम ने
आज भी हाथ पे है तेरे पसीने की तरी