कब तक भँवर के बीच सहारा मिले मुझे

कब तक भँवर के बीच सहारा मिले मुझे

तूफ़ाँ के ब'अद कोई किनारा मिले मुझे

जीवन में हादसों की ही तकरार क्यूँ रहे

लम्हा कोई ख़ुशी का दोबारा मिले मुझे

बिन चाहे मेरी राह में क्यूँ आ रहे हैं लोग

जो चाहती हूँ मैं वो नज़ारा मिले मुझे

सारे जहाँ की रौशनी कब माँगती हूँ मैं

बस मेरी ज़िंदगी का सितारा मिले मुझे

दुनिया में कौन है जो 'सदफ़' सुख समेट ले

देखा जिसे भी दर्द का मारा मिले मुझे

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In Hindi By Famous Poet Sughra Sadaf. is written by Sughra Sadaf. Complete Poem in Hindi by Sughra Sadaf. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.