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सूफ़ी तबस्सुम Rubaai In Hindi - Best सूफ़ी तबस्सुम Rubaai Shayari & Poems - Darsaal

Rubaais of Sufi Tabassum

Rubaais of Sufi Tabassum
नामसूफ़ी तबस्सुम
अंग्रेज़ी नामSufi Tabassum
जन्म की तारीख1899
मौत की तिथि1978

यूँ कौन सी चीज़ है जो दुनिया में नहीं

ये शौक़-ए-शराब-ओ-जाम-ओ-मीना कैसा

ये साज़-ए-तरब ये शादमानी कब तक

ये फूल चमन को क्या सँवारें साक़ी

ये मरहला-हा-ए-शौक़ तौबा तौबा

या क़ल्ब को दर्द में डुबोना सीखो

तस्कीन-ए-विसाल ओ रंज-ए-फ़ुर्क़त क्या है

सीने में उछल रही है हसरत मेरी

शादाँ हूँ कि ग़मनाक पिए जाता हूँ

सब सब्र-ओ-शकेब-ओ-होश खो देता हूँ

ख़ामोशी का राज़ खोलना भी सीखो

इस निय्यत से तंग आ के रोए हम लोग

इंसाँ में रूह-ए-आदमिय्यत भी नहीं

हर ज़हर को तिरयाक़ समझ कर पी लो

हर दर्द को कर लिया गवारा मैं ने

है फ़ितरत-ए-ज़न रमीदा आहू की तरह

देखो शब-ए-हिज्र की दराज़ी देखो

बरसात की छा गईं घटाएँ साक़ी

अरबाब-ए-वफ़ा की जाँ-गुदाज़ी देखी

अफ़्साना-ए-ग़म है शादमानी मेरी

अब वलवले इश्क़ के तमन्ना में नहीं

आसाँ नहीं हाल-ए-दिल अयाँ हो जाना

आँखों में ख़ुमार-ए-शौक़-अफ़ज़ा ले कर

आग़ोश में आ कि कामरानी कर लूँ

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