तेरे जाने में और आने में
हम ने सदियों का फ़ासला देखा
Faiz Ahmad Faiz
Wasi Shah
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Anwar Masood
Gulzar
Jaun Eliya
Rahat Indori
Parveen Shakir
Javed Akhtar
Allama Iqbal
Mohsin Naqvi
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(860) Peoples Rate This
हम से पूछो न दोस्ती का सिला
ये दौलत भी ले लो ये शोहरत भी ले लो
मेरे दुख की कोई दवा न करो
हम तो समझे थे कि बरसात में बरसेगी शराब
कुछ तो दुनिया की इनायात ने दिल तोड़ दिया
उल्फ़त का जब किसी ने लिया नाम रो पड़े
अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें
इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दिया
किसी रंजिश को हवा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी
सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं
तेरी आँखों में हम ने क्या देखा
ज़िक्र जब होगा मोहब्बत में तबाही का कहीं