अपनी अपनी फ़िक्र
अपने अपने डर
अपने अपने दर्द लिए
तुम और मैं
अध-सोए से अध-जागे से
कब से करवट बदल रहे हैं
मैं क्यूँ जाग रहा हूँ
मुझ को पता नहीं
लेकिन सोच रहा हूँ
तुम क्यूँ जाग रही हो
मेरे जागे रहने की तुम चिंता छोड़ो
सो जाओ
Jaun Eliya
Parveen Shakir
Habib Jalib
Allama Iqbal
Gulzar
Rahat Indori
Mir Taqi Mir
Ahmad Faraz
Mohsin Naqvi
Javed Akhtar
Anwar Masood
Wasi Shah
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ज़बाँ को अपनी गुनहगार करने वाला हूँ
कब करोगे हमारा इस्तिक़बाल
हवस
चुनाव
मेरे अंदर
हम न सही
मुझ को आज न सोने देना
सीलन
धुँद
सुनहरा ही सुनहरा वादा-ए-फ़र्दा रहा होगा
ज़ाविया कोई नहीं हम को मिलाने वाला
ये भी हुआ कि फ़ाइलों के दरमियाँ मिलीं