Ghazals of Subhash Pathak Ziya
नाम | सुभाष पाठक ज़िया |
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अंग्रेज़ी नाम | Subhash Pathak Ziya |
जन्म की तारीख | 1990 |
ज़ब्त कर ग़म को कि जीने का हुनर आएगा
तू आग रखना कि आब रखना
सिलसिला ख़त्म कर चले आए
मुझे तो मोहब्बत से इंकार होगा
दुश्मनी में ही सही वो ये करम करता रहा
बढ़ा जो दर्द-ए-जिगर ग़म से दोस्ती कर ली