Ghazals of Subhan Asad
नाम | सुबहान असद |
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अंग्रेज़ी नाम | Subhan Asad |
जन्म की तारीख | 1982 |
वो जो सूरत थी साथ साथ कभी सुर्ख़ महके गुलाब की सूरत
रग-ए-जाँ में समा जाती हो जानाँ
मुझे मलाल में रखना ख़ुशी तुम्हारी थी
मैं यूँ तो ख़्वाब की ताबीर सोचता भी नहीं
इस तरह से तर्जुमानी कर गया
इस का ग़म है कि मुझे वहम हुआ है शायद
ग़म से फ़ुर्सत नहीं कि तुझ से कहें
दर्द के दाइमी रिश्तों से लिपट जाते हैं
और किस शय से दाग़-ए-दिल धोएँ
आज है कुछ सबब आज की शब न जा