सोज़ नजीबाबादी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सोज़ नजीबाबादी
नाम | सोज़ नजीबाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Soz Najeebabadi |
रहबर-ए-जादा-ए-मंज़िल पे हँसी आती है
कभी जुदा दो बदन हुए तो दिलों पे ये दो अज़ाब उतरे
इंसाँ हवस के रोग का मारा है इन दिनों
बहते पानी की तरह मौज-ए-सदा की सूरत
अब ख़िज़ाँ आए या बहार आए